
Emotional Motivational story in hindi सच्चा खज़ाना
Emotional Motivational story in hindi | सच्चा खज़ाना
यह कहानी सदियों पहले की है उस समय नूराबाद नाम का एक प्राचीन शहर हुआ करता था जहां अहीर नामक एक ईमानदार और बुद्धिमान व्यापारी रहता था अहीर कपड़ों का कारोबार करता था और अपनी नेकदिली सच्चाई और शांत स्वभाव के लिए पूरे शहर में प्रसिद्ध था लोग उसे इज्जत से देखते थे लेकिन उसके हालात आसान नहीं थे समय के साथ उसका कारोबार लगातार घाटे में जा रहा था आमदनी कम होती जा रही थी लेकिन इसके बावजूद भी अहीर ने कभी गरीबों की मदद करना नहीं छोड़ा उसके दिल में दूसरों के लिए हमदर्दी भरी थी कुछ लोग उसकी तारीफ करते तो कुछ उसे बेवकूफ समझते लेकिन अहीर को

फर्क नहीं पड़ता था वो जानता था कि अच्छाई की राह हमेशा आसान नहीं होती एक दिन जब अहीर बाजार से लौट रहा था तो उसने रास्ते के किनारे एक बूढ़े को बैठे देखा वह बहुत ही कमजोर और थका हुआ लग रहा था बिना कुछ सोचे अहीर ने अपने झोले से ताजी रोटियां निकाली और बूढ़े को दे दी बूढ़े ने रोटियां ली और अहीर को अपने पास बिठा दिया, मुस्कुराकर। बूढ़े ने कहा, बेटा, तुम अच्छे इंसान हो, क्या तुम अपनी तकदीर आजमाना चाहेंगे? अहीर हैरान हो गया। शांत स्वर में पूछा “आपका क्या मतलब है बाबा?” बूढ़ा ने कहा “मैं एक बूढ़ा और कमजोर इंसान हूं
सीने के राज
लेकिन मेरे सीने में ऐसे राज दबे हैं जो हर किसी पर उजागर नहीं होते तेरी ईमानदारी मुझे दिख गई है इसलिए मैं तुझे कुछ देना चाहता हूं यह कहकर दरवेश ने अपनी पुरानी चादर के भीतर से एक छोटा सा पुराना कागज निकाला और अहीर की ओर बढ़ाया यह एक खजाने का नक्शा है बूढ़ा बोला लेकिन इसे हासिल करना आसान नहीं होगा तुम्हें तीन कठिन परीक्षाओं से गुजरना होगा अगर तुम इन परीक्षाओं में सफल हुए तो यह खजाना तुम्हारा होगा लेकिन अगर तुम नाकाम रहे तो ना नक्शे को ध्यान से देखते हुए अहीर ने कहा, “सिर्फ तुम्हारा माल जाएगा, और आप इस रास्ते से कभी वापस नहीं आ सकते।
चरित्र की असली परीक्षा
घने और डरावने जंगल के बीच किसी छिपे स्थान की ओर इशारा कर रहा था कुछ देर चुप रहने के बाद अहीर ने कहा “मैं इसे आजमाना चाहता हूं बाबा ” बूढ़ा ने गंभीर होकर कहा याद रखना तुम्हारी सबसे कठिन परीक्षा तुम्हारा चरित्र का होगा अगर तुम लालच झूठ और स्वार्थ से बच पाए तो खजाना तुम्हारा होगा अहीर ने नक्शा लिया और बूढ़े को आदरपूक प्रणाम कर अपने घर की ओर लौट गया पूरी रात वह उस रहस्यमई नक्शे के बारे में सोचता रहा वह खुद से सवाल करता रहा क्या मेरे दिल में लालच है वह जानता था कि लालच एक ऐसी आग है जो इंसान को अंदर से जला

लालच का अंत
देती है इंसान की लालच का पेट केवल उसकी कब्र की मिट्टी से ही भर सकता है अगली सुबह सूरज की पहली किरण के साथ ही अहीर निकल पड़ा उस रहस्यमई खजाने की तलाश में रास्ता बहुत कठिन था तंग गलियों से होता हुआ वह एक गहरे घने जंगल में जा पहुंचा जंगल बेहद डरावना और रहस्यमई था उसे अजीब-अजीब जानवरों की आवाजें सुनाई दे रही थी लेकिन अहीर डरा नहीं उसने हिम्मत नहीं हारी कई बार वह रास्ता भटकने के करीब था लेकिन अपनी समझदारी और नक्शे की मदद से वह सही रास्ते पर चलता रहा कुछ दूर चलने के बाद उसकी मुलाकात एक और बूढ़े व्यक्ति से हुई जो उसी जंगल के रास्ते पर जा रहा था Emotional Motivational story in hindi | सच्चा खज़ाना
रास्ते का खतरा
उस बूढ़े ने कहा “तुम कहां जा रहे हो?” यह रास्ता आगे बहुत खतरनाक है फिर उसने अहीर को लालच देने की कोशिश की और कहा तुम्हें यह सफर तय करने की क्या जरूरत है मेरे साथ आओ हम दोनों मिलकर कारोबार करेंगे और बहुत धनवान बन जाएंगे अहीर को बूढ़े की यह बात थोड़ी अच्छी लगी उसे यह आसान रास्ता लग रहा था लेकिन तभी उसने रुक कर सोचा मैं अपने मकसद से भटक नहीं सकता असली खजाना मेहनत और सब्र से ही मिलता है उसने बूढ़े की बात को नकार दिया और आगे बढ़ गया कुछ घंटे चलने के बाद अहीर को एक सुनहरी रोशनी दिखाई दी।

वहां एक बड़ा चमकता हुआ संदूक रखा था संदूक के पास एक पत्थर की तख्ती रखी थी उस पर लिखा था अगर तुम इस संदूक को खोलोगे तो तुम्हें तुरंत बेशुमार दौलत मिल जाएगी लेकिन तुम्हारी अक्ल हमेशा के लिए चली जाएगी अहीर कुछ देर तक सोचता रहा यह बहुत लुभावना मौका था लेकिन फिर उसे दरवेश की बात याद आई अगर तुम लालच झूठ और स्वार्थ से बच पाए तो खजाना तुम्हारा होगा उसने गहरी सांस ली और खुद से कहा सच्चा खजाना सब्र और मेहनत से मिलता है आसान रास्ते से नहीं अहीर ने संदूक नहीं खोला और आगे बढ़ गया जैसे ही उसने कदम बढ़ाया संदूक और उसकी रोशनी अचानक गायब हो गई उसे समझ आ
गुफा का रहस्य
गया कि यह उसकी पहली परीक्षा थी लालच की परीक्षा और वह इसमें कामयाब हो गया आगे चलते हुए अहीर को एक गुफा दिखाई दी जब वह अंदर गया तो वहां एक बूढ़ा आदमी लकड़ी के तख्त पर बैठा था उसकी आंखों में गहराई और समझदारी थी उसने अहीर से पूछा “अगर तुम सच्चे व्यापारी हो तो बताओ ” क्या तुमने कभी झूठ बोला है?” अहीर थोड़ी देर चुप रहा फिर उसने सिर झुकाया और कहा हां मैंने कभी-कभी झूठ बोला है खासकर जब मुझे व्यापार में नुकसान हो रहा था लेकिन मैंने हमेशा अपनी गलती मानी है और सुधारने की कोशिश की है अब मैं सच के रास्ते पर चल

रहा हूं बूढ़ा आदमी मुस्कुराया उसकी मुस्कान में संतोष था यह दूसरी परीक्षा थी ईमानदारी की परीक्षा और अहीर इसमें भी सफल रहा बूढ़े आदमी की आंखों में चमक आ गई उसने सिर हिलाया और मुस्कुरा कर कहा बेशक अपनी सच्चाई मानने की समझदारी बहुत कम लोगों में होती है तुमने ना सिर्फ अपनी गलती स्वीकार की बल्कि उस पर पर्दा डालने की कोशिश भी नहीं की तुमने अपनी दूसरी परीक्षा पार कर ली है इतना कहते ही गुफा का दरवाजा धीरे-धीरे खुल गया और अहीर आगे बढ़ गया अब अहीर अपने आखिरी मुकाम पर पहुंच चुका था दूर से उसे एक बड़ा पत्थर दिखाई दिया दरवेश के नक्शे के अनुसार उसी
सबसे कठिन फैसला
पत्थर के नीचे खजाना दबा हुआ था लेकिन जैसे ही अहीर उस पत्थर के पास पहुंचा उसने देखा कि वहां एक जख्मी आदमी पड़ा हुआ है वह दर्द से तड़प रहा था बेहद प्यासा था और मदद के लिए पुकार रहा था अहीर के पास बस थोड़ा सा पानी बचा था जिसे वह अपनी आखिरी जरूरत के लिए बचा कर लाया था अब अहीर के सामने सबसे कठिन फैसला था वह सोचने लगा क्या मुझे खजाना निकालना चाहिए या पहले इस आदमी की जान बचानी चाहिए कुछ पल के सोच उसने सोचा कि खजाने से बढ़कर किसी की जान बचाना अधिक महत्वपूर्ण है। उसने घायल आदमी को तुरंत अपना पानी पिलाया और उसके घावों पर मालिश की।
Emotional Motivational story in hindi | सच्चा खज़ाना
ही उसने यह किया वो आदमी अचानक गायब हो गया वहां एक नूरानी रोशनी फैल गई उसी रोशनी से वह दरवेश प्रकट हुआ जिसने अहीर को वह रहस्यमय नक्शा दिया था बूढ़े ने मुस्कुराकर कहा तुमने अपनी आखिरी परीक्षा भी पार कर ली है अहीर तुमने यह साबित कर दिया कि असली इंसान वही होता है जो दूसरों की भलाई को अपने फायदे से ऊपर रखता है यह कहकर वह बूढ़ा भी गायब हो गया अचानक जमीन हिलने लगी और वह बड़ा पत्थर सरक गया नीचे से सोने चांदी और अममोल जवाहरात से भरे संदूक बाहर निकल गए, लेकिन अहीर अब समझ गया कि असली खजाना रहमदिली और समझदारी था, जो उसने
वहीं खड़े होकर खुद से वादा किया मैं इस दौलत का इस्तेमाल सिर्फ गरीबों की भलाई के लिए करूंगा और अपने शहर नूराबाद को और भी ज्यादा खुशहाल बनाऊंगा
FAQ (Frequently Asked Questions)
1. यह कहानी किस समय की है?
यह कहानी सदियों पुरानी है, जब नूराबाद नाम का एक प्राचीन शहर हुआ करता था।
2. अहीर कौन था और उसका क्या काम था?
अहीर एक ईमानदार और बुद्धिमान व्यापारी था, जो कपड़ों का कारोबार करता था।
3. अहीर की खासियत क्या थी?
उसकी सच्चाई, नेकी, और शांत स्वभाव के कारण वह पूरे शहर में प्रसिद्ध था।
4. अहीर को खजाने का नक्शा किसने दिया?
एक रहस्यमयी बूढ़े दरवेश ने, जिसे अहीर ने रोटियां खिलाकर मदद की थी।
5. खजाने को पाने के लिए अहीर को क्या करना पड़ा?
उसे तीन कठिन परीक्षाओं—लालच, ईमानदारी और इंसानियत—से गुजरना पड़ा।
6. पहली परीक्षा में अहीर ने क्या साबित किया?
उसने लालच के सामने संयम दिखाया और चमकते संदूक को ठुकरा दिया।
7. दूसरी परीक्षा कैसी थी?
ईमानदारी की—जिसमें अहीर ने अपने झूठ स्वीकार कर सच्चाई का मार्ग चुना।
8. तीसरी और सबसे कठिन परीक्षा क्या थी?
एक जख्मी व्यक्ति की मदद करना, जहां अहीर ने खजाने से पहले उसकी जान बचाई।
9. अहीर को क्या मिला अंत में?
सोने-चांदी का खजाना तो मिला ही, लेकिन असली खजाना उसकी समझदारी, रहमदिली और सच्चाई थी।
10. इस कहानी से क्या सीख मिलती है?
सच्चाई, धैर्य और इंसानियत की राह पर चलने वाले को जीवन में असली सफलता और सम्मान ज़रूर मिलता है।
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