
Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
डर सबको लगता है काली अंधेरी रात में घने जंगल के रास्ते से होकर एक बस जा रही होती है और उस बस में तीन दोस्त महेश राजू और सोनी बैठे आपस में मस्ती कर रहे होते हैं तभी अचानक बस के रुकने से टायरों की आवाज सुनसान जंगल में कूंज जाती है अचानक ऐसे बस के रुक जाने से तीनों दोस्त बहुत डर जाते हैं तभी सोनी से रहा नहीं जाता और वो उत्सुकता में ड्राइवर से डरते कहती है अरे भैया आपने बस क्यों रोक दी दिखाई नहीं देता आगे सवारियां खड़ी है अच्छा अच्छा भैया अब कंडक्टर बस का गेट खोलता है और सुरेश अपने परिवार के साथ बस में चढ़ ही रहा होता है तभी कंडक्टर उससे पूछता है
पीछे बैठे तीनों दोस्त
टिकट टिकट अरे जल्दी जल्दी चढो सब कहां जाओगे तुम लोग दिमा वाड़ी ठीक है बैठो सुरेश अपने परिवार के साथ बस में बैठ जाता है कमला सुरेश के साथ बैठ होती है और उसके पीछे दीपक और मोहिनी भी बैठ जाते हैं उनको बैठते हुए ड्राइवर अपनी सीट के ऊपर लगे शीशे से उसको देख रहा होता है बैठते बैठते कमला अपने बेटे और बहू से कहती है यह तो अच्छा हुआ लल्ला बस मिल गई नहीं तो तीमा वाड़ी को तो बस वाले दिन में जाने से मना ही कर देते हैं और हमको इतनी रात में सवारी मिल गई लगता है आज का दिन हमारे लिए बहुत खास है यह सुनकर पीछे बैठे तीनों दोस्त एक दूसरे की तरफ आश्चर्य से देखने | Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
बहुत ही खतरनाक जगह है
लगते हैं बस का माहौल बहुत शांत और डरावना होता है और खिड़की से हवा के टकराने की आवाज साफ सुनाई दे रही होती है तभी सोनी से रहा नहीं जाता और वह पीछे से बोलती है आंटी ऐसा क्या है तीमा वाड़ी में तीमा वाड़ी कुछ नहीं बेटा तीमा वाड़ी थोड़ा जंगल से घिरा पहाड़ी रास्ते पर है ना इसलिए जल्दी कोई बस वाला वहां जाने को राजी नहीं होता वाह तब तो वहां घूमने में मजा आ जाएगा चलो दोस्तों हम लोग वैसे भी घूमने निकले हैं अब तीमा वाड़ी भी घूम लेते हैं तीमा वाड़ी बहुत ही खतरनाक जगह है और मैंने बहुत लोगों से सुना है कि वहां छलावा लोगों के पीछे पड़ जाता है और उनके
शिकार के साथ बहुत मजे से
सोचने समझने की शक्ति खत्म कर देता है ड्राइवर बोल ही रहा होता है कि अचानक बस के नीचे से किसी चीज के टकराने की आवाज से वह एकदम से ब्रेक मारता है और सब लोगों को बहुत तेज झटका लगता है और सब आगे की ओर झुक जाते हैं अरे ड्राइवर तेरा दिमाग खराब है क्या ऐसे लगाए जाते हैं ब्रेक अरे लगता है इसने शराब पी रखी है पागलों की तरह बस चला रहा है और भूतों की कहानी से हमें सबको डरा रखा है बेवड़ा कहीं का नहीं अरे नहीं लगता है बस के नीचे कुछ टकराया है चलो ड्राइवर साहब देखो चलकर क्या हुआ है अब ड्राइवर और कंडक्टर बस के चारों टायर चेक करते हैं तो वो बिल्कुल सही होते हैं
थोड़ी देर में ही सुरेश नीचे उतरता है और टायरों पर नजर मारता है सब कुछ सही होने पर वो तीनों वापस बस में चढ़ जाते हैं लेकिन अब सुरेश बहुत अजीब व्यवहार करने लगता है वह सबको छलावा की कहानी सुनाने लगता है जिससे मोहिनी और राजू बहुत डरने लगते हैं कमला सुरेश को ऐसा करने से रोकती है मगर सुरेश अपनी ही धुन में होता है तुमने सही कहा ड्राइवर साहब लावा बहुत ही ताकतवर और भयानक काला साया होता है वो सबको अपनी बातों से लकर अपने वश में कर लेता है और बाद में अपने शिकार के साथ बहुत मजे से खेलकर उनको मार देता है सब बड़े ध्यान से सरेश की बात सुन रहे होते Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
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हैं तभी सोनी को अचानक भूख लगने लगती है और वह महेश और राजू को यह बताती है थोड़ी दूर बस चलने के बाद सुरेश अचानक ड्राइवर को बस रोकने के लिए बोलता है अरे भैया क्या हो गया ऐसा बस रोकने के लिए क्यों बोल रहे हो मुझे बहुत तेज भूख लग रही है और वो देखो सामने एक ढाबा दिख रहा है चलो वहां चलकर कुछ खाते हैं नहीं नहीं मुझे अच्छे से पता है इस रास्ते पर कोई ऐसा ढाबा नहीं है मैं रोज यहां से निकलता हूं अरे हो सकता है यह ढाबा आज ही नया खुला हो चलो ना जाकर कुछ खाते हैं मुझे बहुत जोर से भूख लगी है अब ड्राइवर कंडक्टर राजू और सोनी बस से उतर करर ढाबे Ghost inside the bus Horror Story | बस के अंदर भूत
की तरफ बढ़ते हैं सोनी ने ढाबे पर आवाज लगाई तो उठावे के अंदर से एक आदमी निकलकर सामने खड़ा हो गया सोनी ने उससे खाने के लिए कहा थोड़ी देर में वह आदमी एक कटोरे में नूडल लाकर सोनी को देता है सोनी मजे से नूडल खाने लगती है तभी राजू की नजर सोनी के मुंह पर पड़ती है और वह जोर से चिल्लाता है सोनी ये क्या किया तूने पागल मेने नूडल गिरा दी सोनी ये नूडल नहीं है तू कीड़े खा रही है यह बात सुनते ही सोनी डर जाती है लेकिन उसके मुंह में जो कीड़े थे उन कीड़ों ने सोनी के गले को काट दिया और उसकी गर्दन नीचे गिरते हुए लुड़क कर राजू के पैरों के पास आ जाती है तभी राजू ने
सभी को मार देगी
देखा ढाबे वाला आदमी हवा में उड़ने लगता है और जोर-जोर से तुम सब मरोगे ऐसा चिल्लाते हुए हवा में धुआ बनकर गायब हो जाता है अब वो तीनों पर्स की चलो तेजी से दौड़ें अन्यथा यह चाल हम सभी को मार देगी, चलो तेजी से दौड़ें अब ड्राइवर जल्दी से बस को वहां से भगा देगा, बस में झटका लगने से दीपक जाग जाएगा, फिर मोहिनी रोएगी और दीपक को सोनी की मौत का दर्द बताएगी। अब बस में हर कोई डर में बैठा है, तो कंडक्टर हर किसी से बात करेगा, ड्राइवर को भीमगढ़ गांव में रुकना होगा, नहीं तो चाल हम सभी को बचा लेगी, नहीं तो चाल हमें थोड़ी देर के लिए मार देगी। o
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में ड्राइवर कंडक्टर को बताता है कि सामने भीमगढ़ 1 किलोमीटर पर है ऐसा बोर्ड लगा है तब कंडक्टर समझ जाता है कि लावा अभी भी उन सबके साथ है और उनकी बातें सुन रहा है वो ड्राइवर को बताता है कि उसने झूठ बोला ऐसा कोई गांव नहीं है और बस रोकने से मना कर देता है ड्राइवर के साथ सारे लोग बहुत डरे होते हैं लेकिन सुरेश फिर से छलावा की कहानी सुनाने लगता है जिस पर कमला उसको डांट देती है और तभी अचानक पेड़ की डाल टूटकर बस की खिड़की को तोड़ते हुए कमला के मुंह में घुस जाती है और कमला की वहीं मौत हो जाती है मां मां इस लवा ने अम्मा को भी मार दिया आप वो हम
बस का टायर फट जाता है
सबको भी मार देगा बस में ड्राइवर महेश और राजू बहुत डर जाते हैं तभी दीपक अपनी मां की मौत से बौखला जाता है और सबको शक की नजरों से देखने लगता है और कंडक्टर को पकड़ कर बोलता है तू ही है ना छलावा मैं तुझे बस से बाहर फेंक दूंगा अबे तू पागल हो गया है क्या लावा यह नहीं है मुझे तो छलावा तू लग रहा है अब वो लड़की मरी तो तू आराम से बैठा सो रहा था अब सब एक दूसरे के ऊपर छलावा होने का इल्जाम लगाने लगते हैं तभी एकदम से तेज आवाज आती है और बस का टायर फट जाता है और बस इधर-उधर होते हुए एक पेड़ से टकरा गई सब सामने की सीट से टकरा जाते
अपनी जान बचाओ
लेकिन सुरेश अपनी सीट पर सीधा बैठा है, जब मोहिनी सामने देखती है, तो उसकी चीख निकल जाती है और वह घबराहट में सभी की ओर इशारा करती है। है जब सामने देखते हैं तो सहम जाते हैं क्योंकि ड्राइवर के सर का आधा हिस्सा कट चुका होता है भागो अपनी जान बचाओ छलावा किसी को नहीं छोड़ेगा सबको मार देगा राजू अब बस से निकलकर भागने की कोशिश करता है लेकिन जैसे ही व बस के गेट से बाहर निकलता है दीपक उसकी पीठ पर कांच के एक टुकड़े से कई बार वार करके उसको मार डालता है और फिर पीछे मुड़कर हंसता हुआ सबसे कहता है मर गया छलावा पापा मैंने छलावा को मार
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दिया बा मैंने तुम्हारी मौत का बदला ले लिया मैंने मार दिया उसे अब किसी को डरने की जरूरत नहीं है महेश और कंडक्टर दीपक को धक्का देते हैं और वह समझ जाते हैं कि यह अपनी मां के गम में पागल हो गया है लेकिन उसके पागलपन ने एक और जान ले ली लेकिन अभी भी कंडक्टर महेश को बताता है कि छलावा अभी भी जिंदा है और हम पांचों में से ही कोई है अबे तुमको कैसे पता क्योंकि मैंने सुना है अगर कोई इंसान छलावा को पकड़ लेता है तो वह अपने असली रूप में आ जाता है और यहां अभी भी छलावा अपने असली रूप में नहीं आया इसका मतलब तो यही है कि छलावा अभी भी
अंकल तो मुझे मत मारो मुझे जाने दो
यही है बेटा मुझे लगता है कि महेश और कंडक्टर में से ही कोई एक छलावा है मैं इस कंडक्टर को मारता हूं और दीपक बेटा तु इस महेश को मार दो सुरेश के ये बोलते ही दीपक कंडक्टर से लड़ने लगता है और कंडक्टर जंगल में अपनी जान बचाने के लिए भाग जाता है दीपक भी उसके पीछे भागता है और मोहिनी दीपक के पीछे भागने लगती है अब बस में सुरेश और महेश अकेले बचते हैं तभी सुरेश महेश को मारने के लिए आगे बढ़ता है अंकल मैं चलावा नहीं हूं मुझे छोड़ दो मुझे मालूम है कि तू लावा नहीं है आपको पता है अंकल तो मुझे मत मारो मुझे जाने दो इतना कहकर महेश सुरेश को धक्का दे देता है other story
तुम्हारे बस में आग
और बस से निकलकर बाहर से बस का गेट बंद कर देता है लेकिन तभी दीपक और मोहिनी वापस बस के पास आ जाते हैं और सुरेश दीपक से रोते हुए महेश को मारने के लिए कहता है लेकिन दीपक और मोहिनी मिलकर बस को आग लगा देते हैं दीपक कैसा बेटा है तू अपने बाप को ही मार रहा है तू जलावा है इसलिए दीपक ने तुझे जला दिया हां मैं ही लावा हूं और तुम सबको क्या लगता है कि तुम्हारे बस में आग लगाने से मैं चलकर मर जा जाऊंगा अभी देखो मेरी शक्ति अब लावा अपने असली रूप में आ जाता है और बस के अंदर से गायब होकर व बस के बाहर आकर दीपक को पकड़कर हवा में टांग
देता है और हंसते हुए उसको गोलगोल घुमाने लगता है तभी महेश दीपक को बचाने आता है लेकिन महेश को वो उल्टा पेड़ से लटका देता है और छलावा हंसते हुए मौत का खेल खेलने लगता है लेकिन तभी अचानक छलावा के पीठ पर चाकू से कई वार होते हैं और जब वो पीछे मुड़कर देख है तो कंडक्टर उसको मार रहा होता है अब लावा की शक्तियां खत्म हो जाती है और वह जमीन पर गिरक दीपक से कहता है दीपक तूने मुझे चला है तुझे कैसे पता चला कि मैं ही छलावा हूं अरे छलावा जब मैंने राजू को मारा था तो तू मुझे रोकने की बजाय हंस रहा था मैं तभी समझ गया कि छलावा तू है लेकिन मैंने
पीछे छुपकर देखा कि
नाटक किया और कंड को जानबूझकर जंगल में भागने दिया और उसके बाद इशारा करके मोहिनी को मेरे पीछे आने को कहा ताकि हम तीनों तेरी मौत का इंतजाम कर सके हां छलावा उसके बाद हम सबने पेड़ के पीछे छुपकर देखा कि तू कैसे हंसता हुआ महेश को मारने के लिए तड़प रहा था उसके बाद मैंने इशारे से महेश को भी बस से उतर कर गेट बंद करने को कहा और तू हमारे जाल में फंस गया अब मोहिनी महेश को पेड़ से उतारती है और फिर कंडक्टर के कहने पर वो चारों मिलकर उस लावे को उस जलती पर्स में फेंक देते हैं जिसके पास लावे की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है क्योंकि अगर कोई इंसान लावे को लता है तो
उसकी आत्मा हमेशा के लिए मुक्त हो जाती है अब वह चारों अपने अपने घर चले जाते हैं
यह कहानी सुनने में बहुत रोचक और डरावनी है। यहां कुछ FAQs हैं जो इस कहानी के विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट करेंगे:
1. इस कहानी का मुख्य विषय क्या है?
कहानी का मुख्य विषय डर और आशंका के बीच दोस्ती और साहस को दिखाना है। तीन दोस्तों का जंगल में सफर करते समय भूतिया प्राणी “छलावा” का सामना करना और उसके खिलाफ लड़ना है।
2. “छलावा” क्या होता है और उसकी शक्ति क्या है?
“छलावा” एक भूतिया प्राणी है जो लोगों को अपने जाल में फंसाने की शक्ति रखता है। यह अपने शिकार को भ्रमित कर देता है और उन्हें अपनी बातों से वश में कर लेता है।
3. क्यों ड्राइवर और कंडक्टर को बस रोकना पड़ा?
ड्राइवर ने अचानक बस को रोकने का निर्णय लिया क्योंकि बस के नीचे किसी चीज से टकराने की आवाज आई थी, जिससे यात्रियों में डर फैल गया था।
4. सोनी की मौत कैसे हुई?
सोनी ने एक ढाबे पर नूडल्स खाए, लेकिन वो असल में कीड़े थे। इससे उसके गले में चोट लगी और उसकी मौत हो गई, जो कहानी में एक प्रमुख डरावना मोड़ था।
5. कहानी का अंत कैसे होता है?
अंत में, दोस्त मिलकर “छलावा” को पहचानते हैं और उसे नष्ट करने का एक योजना बनाते हैं। अंततः, वे “छलावा” को जलती हुई बस में फेंक देते हैं, जिससे उसकी आत्मा को मुक्ति मिल जाती है।
यह कहानी न केवल डरावनी है, बल्कि यह दोस्ती, साहस और एकता के महत्व को भी दर्शाती है।
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