
महात्मा गांधी अस्पताल के अंधेरे मर्ग में एक लाश पोस्टमॉर्टम के लिए रखी हुई थी। लाश का मर्ग में रखा रहना कोई नई बात नहीं थी लेकिन आज न जाने क्यों अजीब सा सन्नाटा पसरा हुआ था, मानो किसी तूफान के आने का संकेत हो। तभी कोने में बने बिल से एक बड़ा सा चूहा निकला। उसकी नजर स्ट्रेचर पर रखी इस लाश पर पड़ी और ताजे मांस की खुशबू के पीछे वह बड़ा सा चूहा स्ट्रेचर के करीब पहुंच गया।
Postmortem Horror Story
स्ट्रेचर के पहिए से झड़ता हुआ चूहा लाश के करीब पहुंच गया और चादर से बाहर निकले हुए लाश के हाथ की ओर बढ़ने लगा। जैसे ही उसने अपने बड़े से दांत लाश के हाथ में गड़ा के लिए खोले, झटके से वहां लाइट जल उठी और दरवाजा खुलने की आवाज आने लगी। तुरंत चूहा पलट कर जाने लगा कि लाश के हाथ ने बेदर्दी से उसे जकड़ लिया और चादर के अंदर खींच कर उसे मुंह में चबा लिया।
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दरवाजा पूरा खुला
दरवाजा पूरा खुला और सीटी बजाते, गुनगुनाते हुए डॉक्टर समर अंदर आ गया। उसने देखा लाश स्ट्रेचर पर रखी हुई थी और हाथ सफेद चादर से बाहर लटका हुआ था। डॉक्टर समर अपनी धुन में गुनगुनाता हुआ एक कोने में गया, ग्लव्ज उठाकर पहने और फिर लाश के पास आकर चार्ट उठाकर पढ़ने लगा।
“तो हिट एंड रन केस हो तुम,” डॉक्टर समर ने लाश पर से सफेद चादर हटाई। लाश का सर बेदर्दी से कुचला हुआ था। “वाह! सर तो खुला हुआ है, चलो थोड़ा काम कम हो गया,” डॉक्टर समर ने कुछ दूर रखे कटर की ओर जाते हुए कहा। “इसीलिए कहते हैं सिग्नल देखकर सड़क क्रॉस करो, यूं अंधो की तरह दौड़ोगे तो डॉक्टर समर की पोस्टमार्टम टेबल पर पहुंच जाओगे। सही कहा ना मैंने, डियर?” Postmortem Horror Story
झटके से लाश ने आंख खोली और बोली, “डॉक्टर समर?” कटर उठाते हुए डॉक्टर समर ने कहा, “गाड़ी स्पीड से आ रही थी तो ब्रेक लगाते ही नहीं रुक जाती।”
अचानक डॉक्टर समर के चेहरे से हवाइयां उड़ीं। वह झटके से पलटा, “कौन बोला? कौन है यहां?” चारों ओर एक अजीब सी खामोशी थी। डॉक्टर समर ने अपना पसीना पोंछा और मुस्कुराते हुए लाश के करीब आया, “साली, ये पोस्टमॉर्टम रूम जगह ही ऐसी है, मुर्दों के बीच रहते हुए यूं लगता है जैसे मुर्दे हमसे बात कर रहे हों।”
सीनियर डॉक्टर्स के साथ
अगर मुर्दे बात करने लगे हैं तो ऐश्वर्या राय का मुर्दा मेरे पास आना चाहिए पोस्टमार्टम के लिए,” हंसते हुए डॉक्टर समर ने कटर से लाश को चीड़ दिया। लाश के पेट में कटर घुसाकर उसने रिपोर्ट में नोट किया। फिर छाती के हिस्से को हाथों से अलग किया तो कुछ देखकर डॉक्टर समर डर से चीखता हुआ पीछे हट गया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं। वह डरते हुए लाश के करीब आया और देखा तो उसे विश्वास नहीं हो रहा था, लाश का दिल धड़क रहा था।
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डॉक्टर समर ने जल्दी से लाश की नब्ज देखी और हैरानी से बोल पड़ा, “यह तो मरा हुआ है, फिर इसका दिल धड़क कैसे रहा है?” डॉक्टर समर ने धड़कते दिल पर हाथ लगाया तो दिल निकलकर हाथ में आ गया। डॉक्टर समर ने हैरानी से हाथ ऊपर किया तो देखा दिल अचानक तेजी से धड़कने लगा था। घबराकर डॉक्टर समर के हाथ से दिल छूट गया। दिल फर्श पर गिरा और बॉल की तरह टप्पे खाते हुए पोस्टमॉर्टम रूम में उछलने लगा। डॉक्टर समर चीखते हुए बाहर भागा और दरवाजा बंद कर दिया। उसने पलटकर देखा दरवाजे में लगे कांच से दिल कूदता हुआ दिखाई दे रहा था।
डॉक्टर समर अपने सीनियर डॉक्टर्स के साथ वापस लौटा। डॉक्टर वर्मा बोले, “आर यू श्योर, डॉक्टर समर? तुमने आज पी नहीं है? आज जुम्मा है, आपको पता है मैं जुम्मे के दिन कोई नशा नहीं करता हूं। पर जो तुम कह रहे हो वह तो कोई इंसान नशे में ही बोल सकता है।” Postmortem Horror Story
डॉक्टर समर पोस्टमॉर्टम रूम का दरवाजा खोलते हुए बोला, “अपनी आंखों पर तो विश्वास करोगे ना, डॉक्टर निगम? ये देखो।” डॉक्टर समर हैरानी से देखता रह गया, अंदर सब कुछ नॉर्मल था। वह तेजी से लाश के पास आया और देखा दिल अपनी जगह लगा है और वह डेड है।
डॉक्टर समर चकरा गया, “ऐसा कैसे हो सकता है? अभी तो यहां…”
विश्वास नहीं हो रहा था
“डॉक्टर समर, आज आराम करो। आज आपके पोस्टमार्टम डॉक्टर सुरेश कर देंगे। तुम्हारा वहम था और कुछ नहीं। दिन भर मुर्दों के बीच रहते हुए इल्यूजन हो जाता है,” लेकिन डॉक्टर समर नहीं माना। वह हॉस्पिटल के कैंटीन में गया, एक कप कॉफी पी, और फिर से पोस्टमॉर्टम रूम का दरवाजा खोलकर अंदर आ गया। वह दरवाजे पर खड़ा हुआ और ध्यान से चारों ओर देख रहा था। सब कुछ नॉर्मल था। डॉक्टर समर ने राहत की सांस ली।
तभी अजान की आवाज सुनाई दी। “ओह, यहां ऐसा उलझा कि जुम्मे की नमाज का ध्यान ही नहीं रहा। ऐसा करता हूं, आज नमाज यहीं पढ़ लेता हूं, कोई बला होगी तो वह भी टल जाएगी,” यह सोचकर डॉक्टर समर ने वही कपड़ा बिछाया और नमाज पढ़ने लगा। तभी लाश उठकर बैठ गई। उसके कटे पेट से आंतें बाहर निकल गईं। लाश ने अपनी आंतों को समेटकर अंदर किया, टाका लगाने का सामान पास में रखे टेबल से उठाया और अपने चीरे हुए बदन को टाका लगाकर जोड़ने लगा।
इससे अनजान डॉक्टर समर नमाज पूरी करके उठा। कपड़े को लपेट कर रखा और पलटा तो घबराकर दो कदम पीछे हट गया। उसे विश्वास नहीं हो रहा था कि मुर्दा अपने बदन पर टांके लगा रहा था। लाश ने डॉक्टर समर को देखा। वो टांके लगाते हुए रुक गया और बोला, “डॉक्टर साहब, मुझसे टांके लगाते नहीं बन रहे हैं, बाकी के टांके आप लगा दो।” डॉक्टर समर चीख पड़ा और उल्टे पैर वहां से भाग गया।
पोस्टमॉर्टम रूम का दरवाजा खुला
लाश ने डॉक्टर समर को यूं भागते देखा, लाचारी से सर हिलाया और फिर से टांके लगाने लगा। धाड़ से पोस्टमॉर्टम रूम का दरवाजा खुला और डॉक्टर वर्मा, डॉक्टर निगम और डॉक्टर समर के साथ अंदर आए। उन्होंने देखा सब कुछ पहले की तरह नॉर्मल था।
अब बताइए, आपको अपने दिमाग का इलाज करवाना चाहिए या नहीं, डॉक्टर समर?” डॉक्टर वर्मा ने कहा। डॉक्टर समर ने कहा, “क्या चल रहा है आपके दिमाग में जो इस तरह की बेकार कहानियाँ हम सुना रहे हैं? आप खुद डॉक्टर हैं, ऐसी बेसिर पैर की बातें तो आपके दिमाग में आनी ही नहीं चाहिए। मैं भी इन चीजों को नहीं मानता मगर जो सामने दिख रहा है उसे कैसे नकार दूं?” “अब आप यह मत कहने लगना यह सब चीजें आपको ही दिखाई दे रही हैं, किसी और को नहीं,” डॉक्टर वर्मा ने तंज कसा।
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डॉक्टर समर उलझन में पड़ गया। “वो यही बात तो बोलने वाला था,” तभी उसकी नजर लाश पर पड़ी और देखकर हैरान रह गया। पूरी लाश पर टांके लगे हुए थे।डॉक्टर समर दोनों को लाश के पास लाया और टांके दिखाते हुए कहा, “ये देखो, डॉक्टर वर्मा। आप भी देखो, डॉक्टर निगम। जब मैंने पोस्टमॉर्टम पूरा किया ही नहीं तो ये टांके कहां से इस लाश पर आ गए?”
डॉ. निगम और डॉ. वर्मा यह देखकर हैरान रह गए। डॉ. वर्मा ने अपने माथे से पसीना पोंछा और कहा, “ऐसा कैसे हो सकता है? तुम अच्छे से याद करो, तुमने ही तो नहीं लगाए थे टांके? एक लाश खुद को टांका कैसे लगा सकती है?”
“अगर मैंने पोस्टमॉर्टम कर लिया होता तो इस रिपोर्ट में लिखता। ये देखो, क्या लिखा है इस रिपोर्ट में? पोस्टमॉर्टम डन।” पढ़कर डॉक्टर समर हैरान रह गया। “ये कैसे हो सकता है? मैंने पोस्टमॉर्टम किया ही नहीं तो रिपोर्ट कहां से कंप्लीट हो गई?”
“ये क्या मजाक कर रहे हो तुम हमारे साथ? हम पेशेंट छोड़कर तुम्हारी बकवास सुनने आए हैं,” कहते हुए डॉक्टर वर्मा और डॉक्टर निगम वहां से चले गए। डॉक्टर समर वहीं बैठा रह गया।
अजीब सी चमक
तभी अजान की आवाज फिर से सुनाई दी। डॉक्टर समर ने सर उठाया और देखा वही लाश नमाज पढ़ रही थी। डॉक्टर समर की आंखें हैरानी और डर से फटी रह गईं। लाश उसी सफेद कपड़े को बिछाकर नमाज पढ़ रही थी जिसे कुछ देर पहले उसने खुद बिछाया था। डॉक्टर समर की सांसें तेज हो गईं, उसने अपनी जगह से हटने की कोशिश की लेकिन पैरों ने मानो साथ छोड़ दिया था। लाश ने नमाज पूरी की और फिर सीधा खड़ा होकर डॉक्टर समर की ओर देखा। उसकी आंखों में अजीब सी चमक थी। डॉक्टर समर ने हिम्मत जुटाते हुए पूछा, “तुम…तुम कौन हो? ये सब क्या हो रहा है?”
लाश ने धीरे-धीरे कदम बढ़ाते हुए डॉक्टर समर के करीब आकर कहा, “डरने की जरूरत नहीं है डॉक्टर साहब। मैं वही हूँ जो पहले था। लेकिन अब मेरे साथ कुछ ऐसा हो गया है जिसे समझाना मुश्किल है।”
डॉक्टर समर ने खुद को थोड़ा संभालते हुए कहा, “क्या मतलब? तुम तो मरे हुए हो, फिर ये सब कैसे हो सकता है?” लाश ने सिर हिलाते हुए कहा, “मौत और जिंदगी के बीच का फर्क कभी-कभी बहुत धुंधला हो जाता है। कुछ रहस्यमयी ताकतें हैं जो इंसान की समझ से परे हैं। मैं भी एक हादसे का शिकार हुआ था लेकिन अब मैं कुछ और बन गया हूँ। मुझे भी समझ नहीं आ रहा कि ये सब कैसे हो रहा है।” डॉक्टर समर ने खुद को सामान्य करने की कोशिश करते हुए कहा, “तो अब तुम चाहते क्या हो? और मैं तुम्हारी मदद कैसे कर सकता हूँ?”
मेरी आत्मा को शांति मिले
लाश ने धीमी आवाज में कहा, “मैं सिर्फ इतना चाहता हूँ कि मेरी आत्मा को शांति मिले। मेरे साथ जो हुआ, उसके लिए न्याय चाहिए। मुझे पता है, आपने हमेशा अपने पेशे के प्रति ईमानदारी दिखाई है। मैं बस यही चाहता हूँ कि आप मेरे मामले की गहराई से जांच करें और सच्चाई को सबके सामने लाएं।” डॉक्टर समर ने सिर हिलाते हुए कहा, “ठीक है। मैं तुम्हारी मदद करने की पूरी कोशिश करूंगा। लेकिन मुझे तुमसे एक वादा चाहिए, कि जब तक मैं सच्चाई तक नहीं पहुँचता, तुम किसी और को डराओगे नहीं।”
लाश ने मुस्कुराते हुए कहा, “वादा रहा, डॉक्टर साहब। जब तक आप सच्चाई तक नहीं पहुंचते, मैं किसी और को नहीं डराऊंगा।” पोस्टमार्टम Horror Story
डॉक्टर समर ने राहत की सांस ली और धीरे-धीरे बाहर की ओर बढ़ गया। उसने ठान लिया था कि वह इस रहस्यमयी मामले की सच्चाई तक पहुंचेगा और उस आत्मा को शांति दिलाएगा।
अगले दिन, डॉक्टर समर ने लाश के मामले की फाइल उठाई और गहराई से पढ़ना शुरू किया। उसने तय किया कि वह खुद जाकर उस हादसे की जगह का मुआयना करेगा और उन लोगों से मिलेगा जो इस मामले से जुड़े हुए थे। यह सफर आसान नहीं था। रास्ते में कई बाधाएं थीं, कई सवालों के जवाब नहीं मिल पा रहे थे। लेकिन डॉक्टर समर ने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे, वह हादसे की कड़ियों को जोड़ता गया और सच्चाई के करीब पहुंचता गया।
आखिरकार, एक दिन वह उस सच्चाई तक पहुंच गया जिसने उसके होश उड़ा दिए। उसने पाया कि यह हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी। इसमें कई प्रभावशाली लोग शामिल थे, जिनका पर्दाफाश करना आसान नहीं था। लेकिन डॉक्टर समर ने ठान लिया था कि वह किसी भी कीमत पर इस साजिश का पर्दाफाश करेगा और उस आत्मा को न्याय दिलाएगा। डॉक्टर समर ने अपने सबूतों को इकट्ठा किया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उसने सबके सामने सच्चाई रख दी। इसके बाद कानून ने अपना काम किया और दोषियों को सजा मिली।
उस रात, जब डॉक्टर समर अपने कमरे में बैठा था, उसे लगा कि कोई उसके पास आया है। उसने पलटकर देखा तो वही लाश मुस्कुराते हुए खड़ी थी। लाश ने कहा, “धन्यवाद, डॉक्टर साहब। आपने मुझे न्याय दिलाया। अब मैं शांति से जा सकता हूँ।” डॉक्टर समर ने मुस्कुराते हुए कहा, “तुम्हारी आत्मा को शांति मिले।” लाश धीरे-धीरे अदृश्य हो गई और डॉक्टर समर ने महसूस किया कि उसकी आत्मा को सच में शांति मिल गई है।
पोस्टमार्टम रूम में अकेला था
इस घटना ने डॉक्टर समर की जिंदगी बदल दी। उसने सीखा कि किसी भी स्थिति में हार नहीं माननी चाहिए और सच्चाई के रास्ते पर डटकर खड़ा रहना चाहिए।डॉक्टर समर के जीवन में अब सब कुछ सामान्य हो गया था, लेकिन उस घटना ने उसके दिल और दिमाग पर गहरा प्रभाव छोड़ा था। उसने अपनी पेशेवर जिंदगी में और भी अधिक संजीदगी और ईमानदारी के साथ काम करना शुरू कर दिया। वह हर दिन खुद को यह याद दिलाता कि सच्चाई और न्याय के रास्ते पर चलते रहना ही सबसे महत्वपूर्ण है।
कई महीनों बाद, एक दिन डॉक्टर समर महात्मा गांधी अस्पताल में अपने नियमित काम में व्यस्त था। वह पोस्टमार्टम रूम में अकेला था और एक नए केस पर काम कर रहा था। अचानक, उसे महसूस हुआ कि किसी की उपस्थिति उसके आसपास है। उसने पीछे मुड़कर देखा, लेकिन कोई नहीं था। फिर भी, उसे अजीब सा अहसास हो रहा था, जैसे कोई उसे देख रहा हो। Other horror Story Click Here
उसने खुद को संभाला और अपने काम पर ध्यान केंद्रित किया। लेकिन तभी, एक धीमी और परिचित आवाज ने उसे चौंका दिया। “डॉक्टर समर,” आवाज ने कहा। डॉक्टर समर का दिल तेज धड़कने लगा। उसने पलटकर देखा, और उसके सामने एक और आत्मा खड़ी थी। डॉक्टर समर ने संयमित होकर पूछा, “तुम कौन हो? और क्या तुम भी मेरी मदद चाहते हो?”
आत्मा ने धीरे-से कहा, “हाँ, डॉक्टर साहब। मैं भी न्याय चाहता हूँ। मेरी मौत के पीछे भी एक रहस्य है, जिसे सुलझाना आवश्यक है।”
डॉक्टर समर ने गहरी सांस लेते हुए कहा, “ठीक है। मैं तुम्हारी मदद करूंगा। लेकिन मुझे सब कुछ बताओ, ताकि मैं सही दिशा में काम कर सकूं।” आत्मा ने अपनी कहानी बतानी शुरू की। उसने बताया कि उसकी मौत एक दुर्घटना की तरह दिख रही थी, लेकिन असल में वह एक साजिश थी। आत्मा ने डॉक्टर समर को उन लोगों के नाम और स्थान बताए, जो इस साजिश में शामिल थे।
साजिश का पर्दाफाश
डॉक्टर समर ने आत्मा को वादा किया कि वह पूरी मेहनत और ईमानदारी से इस मामले की जांच करेगा। उसने पहले की तरह इस बार भी ठान लिया कि वह किसी भी हाल में इस साजिश का पर्दाफाश करेगा और उस आत्मा को न्याय दिलाएगा। डॉक्टर समर ने अपने साथी डॉक्टरों और पुलिस के साथ मिलकर जांच शुरू की। उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार नहीं मानी। धीरे-धीरे, उसने उन सबूतों को इकट्ठा किया जो इस साजिश का पर्दाफाश कर सकते थे।
कुछ हफ्तों की मेहनत के बाद, डॉक्टर समर ने सभी सबूतों को इकट्ठा कर लिया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। उसने सबके सामने सच्चाई रख दी और दोषियों को कानून के हवाले कर दिया। एक बार फिर, न्याय की जीत हुई और उस आत्मा को शांति मिली। डॉक्टर समर ने महसूस किया कि उसकी जिंदगी का असली मकसद सिर्फ डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाना ही नहीं, बल्कि उन आत्माओं को भी न्याय दिलाना है जो अन्याय का शिकार हुई हैं। उसने ठान लिया कि वह हमेशा सच्चाई और न्याय के रास्ते पर चलेगा, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं।
समय बीतता गया, लेकिन डॉक्टर समर की जिंदगी में ऐसी घटनाएं आती रहीं। हर बार एक नई आत्मा न्याय की तलाश में उसके पास आती और डॉक्टर समर बिना किसी डर के उनकी मदद करता। उसने महसूस किया कि उसकी जिंदगी अब एक नए मकसद के साथ चल रही है और वह अपने इस नए सफर में कभी अकेला नहीं है।
सामान्य प्रश्न (FAQ)
1. डॉक्टर समर की कहानी किस बारे में है?
डॉक्टर समर की कहानी एक डॉक्टर की है, जो अपनी पेशेवर जिंदगी में आत्माओं को न्याय दिलाने के लिए संघर्ष करता है। वह उन रहस्यमयी घटनाओं का सामना करता है, जहां आत्माएं उससे मदद मांगती हैं।
2. कहानी में पहली आत्मा कौन थी और उसने क्या चाहा?
पहली आत्मा एक दुर्घटना में मारे गए व्यक्ति की थी, जिसने डॉक्टर समर से न्याय की मांग की। वह चाहता था कि उसकी मौत के पीछे की साजिश को उजागर किया जाए।
3. डॉक्टर समर ने आत्माओं की मदद कैसे की?
डॉक्टर समर ने आत्माओं की मदद उनकी कहानियों को सुनकर और उनकी मौत के पीछे की सच्चाई की जांच करके की। उसने सबूत इकट्ठा किए और दोषियों को कानून के हवाले किया।
4. क्या डॉक्टर समर को अपनी जांच में किसी मदद की जरूरत पड़ी?
हाँ, डॉक्टर समर ने अपने साथी डॉक्टरों और पुलिस की मदद से जांच की। उसने सभी सबूत इकट्ठा किए और सच्चाई को सामने लाया।
5. क्या डॉक्टर समर को डर का सामना करना पड़ा?
हाँ, डॉक्टर समर को कई बार डर का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं हारी और हमेशा सच्चाई के रास्ते पर डटा रहा।
6. डॉक्टर समर की कहानी से क्या सिखने को मिलता है?
डॉक्टर समर की कहानी से यह सिखने को मिलता है कि सच्चाई और न्याय के रास्ते पर डटे रहना चाहिए, चाहे कितनी भी मुश्किलें क्यों न आएं। ईमानदारी और हिम्मत से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
7. क्या डॉक्टर समर ने अपनी पेशेवर जिंदगी में कोई बदलाव किया?
हाँ, डॉक्टर समर ने अपनी पेशेवर जिंदगी में और भी अधिक संजीदगी और ईमानदारी के साथ काम करना शुरू किया। उसने हर मामले को गंभीरता से लिया और हर आत्मा को न्याय दिलाने की कोशिश की।
8. क्या डॉक्टर समर को अपनी जांच में कभी असफलता मिली?
कहानी में डॉक्टर समर ने हमेशा सच्चाई का पर्दाफाश किया और आत्माओं को न्याय दिलाया। उसकी मेहनत और ईमानदारी ने उसे सफलता दिलाई।
9. क्या डॉक्टर समर की जिंदगी में ऐसी घटनाएं बार-बार होती रहीं?
हाँ, डॉक्टर समर की जिंदगी में ऐसी रहस्यमयी घटनाएं बार-बार होती रहीं और उसने हर बार आत्माओं की मदद की।
10. क्या डॉक्टर समर को अपनी नई जिंदगी का मकसद समझ में आया?
हाँ, डॉक्टर समर को समझ में आ गया कि उसकी जिंदगी का असली मकसद सिर्फ डॉक्टर बनकर लोगों की जान बचाना ही नहीं, बल्कि उन आत्माओं को भी न्याय दिलाना है जो अन्याय का शिकार हुई हैं।
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